tag:blogger.com,1999:blog-507949798085832699.post6840430628392073894..comments2023-09-06T02:03:09.053-07:00Comments on 'भाव-तरंगिनी' - कुछ बिसरे कलम का मंथन: समर शेष है – रामधारी सिंह "दिनकर"प्रकाश पंकज | Prakash Pankajhttp://www.blogger.com/profile/05215136201174516321noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-507949798085832699.post-75680552469211887112018-04-23T20:56:03.112-07:002018-04-23T20:56:03.112-07:00टीवी सोसल मीडीया खूब शब्द के ताण
वाचाली के बाण मे...टीवी सोसल मीडीया खूब शब्द के ताण<br />वाचाली के बाण में हरियल रंग सा प्राण <br />कुरक्षेतर सा रण रमे रास पावे ले दहाण<br />केरू पांडू कुण भाया कुल में कोनी काण<br />चरमर तेरा रंग-भंग गेरू अन्ना ने ले छाण<br /> भर-भर पावे हिवड़े सू लपका सब की साण<br />अधकचरी लू हुकम बनाउ, लाज तियारी माण<br />गिरगट मगर अराद्ध श्रद्धा कसम की भाण<br />जान जाये पर साथ नू छूटे, हर दोपहरी लाण<br />रोज सवेरा सबुरी सा शब्द सुकुनी जाण<br />JUGAL KISHORE SHARMAhttps://www.blogger.com/profile/01861932182378092123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507949798085832699.post-7311319533720956992011-08-07T08:38:48.894-07:002011-08-07T08:38:48.894-07:00इस ओजपूर्ण रचना को सुनवाने का आभार।
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ब्लॉग...इस ओजपूर्ण रचना को सुनवाने का आभार।<br /><br />------<br /><b><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉगसमीक्षा की 27वीं कड़ी!</a></b><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">आखिर इस दर्द की दवा क्या है ?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.com